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हमारी सोच से कहीं आगे हैं एलियंस..

हमारी सोच से कहीं आगे हैं एलियंस.. हमारी गैलेक्सी में 30 से ज्यादा परग्रही  सभ्यता मौजूद...

P अतुल विनोद -

पूरी दुनिया में कितनी आकाशगंगायें हैं  आज तक वैज्ञानिक जान नहीं पाए…  हमारी आकाशगंगा में कितने  सौरमंडल है…  और हमारे सौर मंडल में कितने ग्रह हैं? ‘मिल्की वे’ में 100-400 करोड़ तारे हैं जो चमकते हैं गृह इनसे अलग हैं| हालांकि, ये आंकड़ा बढ़ कर अरबों/खरबों तक पहुंच सकता है. खगोलशास्त्रियों का अनुमान है कि हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में करीब 100 करोड़ ग्रह हैं|यानि तारों और ग्रहों की कोई सीमा नहीं है?  तो फिर हम ये क्यों मान कर बैठे हैं करोड़ों अरबों ग्रहों में सिर्फ धरती पर ही जीवन है?

  कुछ खास वजह से सरकारों ने दूसरे ग्रहों पर इंसानी सभ्यता को हमेशा नकारा |  लेकिन अब उन्हें नकारना मुमकिन नहीं, क्योंकि “एविडेंस पर एविडेंस”, “वीडियोस पर वीडियोस”, लगातार सामने आ  रहे हैं| कैसे नकारोगे और कब तक नकारोगे?अब तो एलियंस के अस्तित्व को लगभग लगभग पूरी दुनिया ने मान्यता दे दी है|  एलियंस है धरती पर आते हैं|  सब जानते हैं लेकिन वो कहां से आते हैं  उनकी सभ्यताएं किस किस ग्रह पर हैं? वो ग्रह कितनी दूर है? ये अभी भी पहेली है|

आदिमानव काल में भी एलियन धरती पर आते रहे हैं| शैल चित्रों में उड़नतश्तरियों की तस्वीरें इस बात का गवाह है कि उस वक्त भी पूरा मानव ऐसे फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को देखा करता था जो कल्पना से भी परे था|एक अनुमान के मुताबिक “मिल्की-वे” गैलेक्सी जिसमें हम रहते हैं उसमें 30 से ज्यादा ऐसे ग्रह है जहां पर इंसानी सभ्यता मौजूद है|जरा सोचिए धरती 100 साल पहले कैसी थी और 100 साल में ही धरती का स्वरूप क्या हो गया? १०० साल में ही हम बैलगाड़ी से आधुनिक कार और एरबस तक पहुच गए| हम हर एक दशक में तरक्की के नए कीर्तिमान रचते हैं| हर दशक में हमारे जीवन जीने की शैली बदल जाती है| 

क्योंकि नई नई टेक्नोलॉजी सामने आ जाती है|आने वाले 100/ 200 साल में तो पता नहीं कहां पहुंच जाएंगे|कल्पना कीजिए यदि एलियन सभ्यताएं हमसे हजार या लाख साल भी एडवांस है|  तो वो कहां पहुंच गए  होंगे? धरती पर मानव जीवन की शुरुआत की कहानी बहुत लंबी नहीं है|  बीच में एक दौर ऐसा भी आया था जब धरती  से डायनासोर खत्म हो गए थे जाहिर उस वक्त डायनासोर  के अलावा भी अन्य प्रजातियां नष्ट हो गई होगी|पृथ्वी से एक ऐस्टरॉइड 6.6 करोड़ साल पहले मेक्सिको के युकटॉन प्रायद्वीप से टकराया था जिससे वहां 111 मील चौड़ा और 20 मील गहरा गड्ढा बन गया था।  इस धरती से डायनासोर खत्म हो गए|

  धरती इतनी गर्म हो गई कि जीवन की प्रक्रिया बाधित हो गई|  जाहिर है धरती मानव  की उत्पत्ति और विकास की यात्रा करने में  लेट हो गयी…  दुनिया का निर्माण लगभग 1300 करोड़ साल पहले हुआ| जाहिर है जिन ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं थी वहां पर जीवन की शुरुआत धरती के साथ ही हो गई लेकिन धरती पर ठीक 6:30 करोड़ साल पहले एक दुर्घटना से जीवन की प्रक्रिया रुक गयी, विकास का क्रम टूट गया|सोचिए यदि  जीवन की गति धरती पर भी अबाध रूप से चलती रहती, तो हम लोग आज से कितने ही लाख साल पहले, आज से ज्यादा एडवांस हो गए होते|

  धरती पर मानव सभ्यता की शुरुआत लगभग 10 लाख साल पहले मानी जाती है|बिगबैंग थ्योरी के मुताबिक इस दुनिया की शुरुआत लगभग 13 अरब (13 सौ करोड़) साल पहले  एक विस्फोट से हुई| तभी धरती भी अस्तित्व में आई होगी| उस वक्त हमारी धरती का ज्यादातर हिस्सा खौलते हुए लावा जैसा रहा होगा। बाद में जैसे-जैसे लावा ठंडा होता गया, धरती के ऊपरी सतह का निर्माण होता गया। धरती को फाइनल शेप 4.5 अरब (450 करोड़)  साल पहले  

मिला|  इसके बाद ही धरती पर जीवन की प्रक्रिया शुरू हुई| ठीक इसी तरह अन्य ग्रहों पर भी जीवन की प्रक्रिया शुरू हुई होगी|  लेकिन मानव की तरह अन्य ग्रहों पर  इंसानी जीवन सिर्फ 10 लाख साल पुराना नहीं रहा होगा|

  कई ग्रहों पर इंसानी सभ्यता प्रथ्वी से लाखों, करोड़ों या अरबों साल पहले ही  शुरू हो गई होगी| दुनिया में कई गैलेक्सी ऐसी होंगी जहां पर मानव सभ्यता 5 से 10 अरब  साल पुरानी भी हो सकती है|  अंदाजा लगाइए कि हम से कई गुना ज्यादा साल पहले अस्तित्व में आए परग्रही हम से कितने ज्यादा आगे होंगे?

 किसी ग्रह पर मानव सभ्यता 500 करोड़ साल पुरानी   हो सकती है तो किसी गृह पर महज 5 करोड़ साल पुरानी, लेकिन धरती पर तो सिर्फ १० लाख साल ही हुए हैं|एलियंस की  विकसित सभ्यता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि वो धरती पर लाखों साल से आते रहे हैं|

 क्यूंकि शैल चित्रों में आस्मां में उड़ते यां दिखाई देते हैं| हमने यूएफओ और एलियंस को देखा भी, उन्हें रिकॉर्ड भी किया, वीडियोस भी बनाए, लेकिन कभी भी हम उन्हें पकड़ नहीं पाए|

सवाल ये है कि हमारी पड़ोसी सभ्यता के प्राणी की जीवन शैली कैसी  होगी?  वो कैसे दिखते होंगे? हम जब भी उन्हें समझने की कोशिश करेंगे हमारे जहन में हमारी धरती और हमारी खुद की जीवन शैली होगी|

 लेकिन हम अपने चश्मे से किसी अन्य सभ्यता को नहीं देख सकते|जैसा कि मैंने पहले भी बताया कि हमारी सभ्यता अन्य ग्रहों की सभ्यता के मुकाबले बहुत नई है| 

ऐसे में उनकी जीवनशैली रहन सहन और स्वरूप संरचना के बारे में हम ठीक ठीक कुछ नहीं कह सकते|किसी ग्रह पर इंसान जैसे प्राणी हो सकते हैं, तो किसी ग्रह पर किसी अन्य तरह के प्राणी हो सकते हैं| 

इंसान भी आज से लाख दो लाख साल बाद कैसा दिखेगा?  एक समय के बाद हर प्राणी में कुछ बुनियादी परिवर्तन आते हैं| जो एलियंस हम से लाखों साल पहले से इस दुनिया में मौजूद हैं| वो आज बहुत विकसित हो गए होंगे|

 ना सिर्फ तकनीकी रूप से, बल्कि उनमें शारीरिक आंतरिक परिवर्तन भी बहुत तेजी से हुआ होगा|इन अत्याधुनिक  प्राचीन सभ्यताओं के बारे में हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि  उनकी जिंदगी हमारी कल्पनाओं से बहुत आगे है|