Type Here to Get Search Results !

सास बहू के झगड़े कैसे सुलझे♻

बच्चों को पैदा करने से लेकर उन्हें पाल  पोसकर बड़ा करने तक में मां-बाप की बड़ी भूमिका होती है , मां बाप का यह कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को सही परवरिश दें, और उनकी जिंदगी को सही तरीके से उनके बालिक होने तक आगे  बढ़ाएं लेकिन जब बच्चे बड़...

बच्चों को पैदा करने से लेकर उन्हें पाल  पोसकर बड़ा करने तक में मां-बाप की बड़ी भूमिका होती है , मां बाप का यह कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को सही परवरिश दें, और उनकी जिंदगी को सही तरीके से उनके बालिक होने तक आगे  बढ़ाएं लेकिन जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो मां-बाप कुछ असहज होने लगते हैं, खासतौर पर तब जब बच्चों की शादी हो जाती है, मां बाप का बच्चों के प्रति लगाव वही होता है, लेकिन बच्चों की जिंदगी में कोई और आ जाता है इसलिए बच्चों का ध्यान मां-बाप की तरफ उतना नहीं रहता, सवाल यह उठता है कि मां-बाप को अपने लड़के या लड़की की शादी के बाद उनकी जिंदगी में किस तरह की भूमिका निभानी चाहिए ? कितना दखल रखना चाहिए ? कितनी मदद करनी चाहिए ?

लड़का मां बाप के लिए हमेशा से प्रिय रहा है, मां बाप बड़े अरमानों से अपने लड़के की शादी करते हैं, लेकिन शादी होते ही
दिक्कतें खड़ी होनी शुरू हो जाती है, क्योंकि बहू को अपने पति के मां-बाप की दखलअंदाजी पसंद नहीं होती, भले ही पति अपने मां बाप की कमाई पर उनके संसाधनों पर डिपेंड हो फिर भी बहू उनकी दखलअंदाजी को स्वीकार करने को
तैयार नहीं होती, और यहीं से कलह शुरू हो जाती है, दरअसल बेटे की शादी के बाद भी मां का बेटे के प्रति लगाव कम नहीं होता, भले ही बहू ने अपने पति को अच्छे ढंग से खाना खिलाया हो तब भी मां अपने बेटे से एक बार यह जरूर पूछती है कि तुमने अच्छे से खाना खा लिया या नहीं खाया ? बहू को यह बात नागवार गुजरती है |

कई बार बच्चों की मांग पर बहू और मां दोनों में ही चीजें लाने की होड़ लग जाती है, एक तरह का अघोषित सा कंपटीशन दोनों के बीच में शुरू हो जाता है | पत्नी को लगता है कि पति पर उसका पूरा अधिकार है, और मां को लगता है कि वह बेटा जो उसकी गोद में खेला बड़ा और अब तक उसकी हर बात मानता रहा शादी के बाद भी वह वैसे ही उसकी बात माने, लेकिन
ऐसा होता नहीं, एक बच्चा जो बड़ा हो चुका है, नौकरी करने लगा है, जिसकी शादी हो गई है, उसकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, अब वह अपने मां बाप पर उतना ध्यान नहीं दे सकता, क्योंकि उसको अब अपनी जिम्मेदारियां संभालनी
है, अपने कैरियर को देखना है दूसरी तरफ पत्नी को भी उसे  देखना है, क्योंकि यदि पत्नी उसकी बात से, उसके कार्यों से उसके व्यवहार से, सेटिस्फाईड नहीं है, तो वह लगातार ऐसे झंझट खड़े करेगी जो पति की जिंदगी को नर्क बना सकते हैं , और यदि ऐसे में मां समझौता नहीं करती है तो बच्चे के सामने दोहरा संकट खड़ा हो जाता है, क्योंकि एक तरफ मां और दूसरी तरफ
पत्नी |

महिलाओं में आपसी झगड़े किसी एक कारण से नहीं होते, छोटी-छोटी वजहों से सास और बहू के बीच में झगड़े हो सकते हैं, इन झगड़ों का मूल कारण दोनों के बीच का ईगो है , पति या बेटे के प्रति एकाधिकार कीभावना है, और अपना वर्चस्व जमाने की प्रवृत्ति है, लेकिन दोनों ही यह समझने को तैयार नहीं होती कि इससे दोनों का ही घर बिगड़ रहा है, रिश्ते खराब है, तो माहौल भी खराब होगा, दिमाग भी खराब होगा, और घर में बरकत नहीं आएगी, घर धीरे-धीरे बर्बाद होने लगेगा, जिम्मेदारी दोनों की है, बहू को समझना होगा कि जिस बेटे को मां ने पाल पोस कर बड़ा किया उसके हर नाज नखरे सहे, उसको हर परिस्थिति में सुख दिया उस मां की कुछ अपेक्षाएं अपने बच्चे से हो सकती हैं |

यदि बच्चा अपनी मां की अपेक्षाओं को पूरा कर रहा है और यदि मां अपने बच्चे को प्रेम कर रही है तो इसमें कोई बुराई नहीं है, इसी तरह मां को  अपने बेटे की बहू की भावनाओं का ख्याल रखना होगा, भले ही वह बहू है, लेकिन वह भी उस व्यक्ति के लिए अपने मां बाप को, अपने भाई बहन को छोड़ कर आई है, उसकी भी अपेक्षाएं हैं, उसकी भी उम्मीद है, वह भी चाहती
है कि जिस व्यक्ति से उसकी शादी हुई है वह उसका ख्याल रखें, उसकी केयर करे, और उसको पर्याप्त महत्व दे |

एक महत्वपूर्ण बात सास बहू के झगड़े में दिखाई देती है वह है महिलाओं का किसी तरह की मानसिक या हारमोनल समस्याओं  से घिरे होना, ज्यादातर महिलाएं हारमोंस के असंतुलन के कारण मानसिक व्याधियों का शिकार होती हैं और वे इसे जाहिर नहीं करती | कई बार उनकी अधूरी महत्वाकांक्षाएं उनके मानसिक विकार या फ्रस्ट्रेशन का कारण बनती है | और यही फ्रस्टेशन बात-बात पर निकलता है | कई बार महिलाएं घरेलू कामकाज को करने में खुद को असमर्थ पाती हैं, लेकिन उसे व्यक्त नहीं कर सकती, कई बार काम ज्यादा होता है स्वतंत्रता बिल्कुल नहीं होती, और लगातार एक ही तरह का काम भी उन्हें चिड़चिड़ा बना देता है, और यह चिड़चिड़ाहट सास की बहू में और बहू की सास में निकलती है |

ATUL VINOD