Type Here to Get Search Results !

योग से जीवन में बदलाव❄

योग के अनुभवों को आप मेरे आर्टिकल्स से समझ सकते हैं| व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन नहीं किया जा सकता न ही कोई दावा करना उचित है|
निश्चित ही योग करने से जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आता है| योग और योगा में बहुत अंतर है| योग जीवन जीने की एक पद्धति है| जीवन को आत्मा से परमात्मा तक पहुंचाने की एक शैली है| योग मन मस्तिष्क शरीर और आत्मा के रूपांतरण की अभियांत्रिकी है|
योगा सिर्फ और सिर्फ शरीर को फिट रखने की योग में से निकली आसन रूपी एक विधि है| योग एक है लेकिन योग के प्रकार अनेक है| मसलन सांख्य योग, ज्ञान योग, भक्ति योग,लय योग हठ योग, राजयोग, सहज योग, क्रिया योग, ध्यान योग, समाधि योग, पतंजलि योग, हिरण्यगर्भ योग, मृत्युंजय योग, नाद बिंदु योग, योग को आप किसी भी नाम से पुकारे लेकिन योग अपने आप में संपूर्ण है|
योग के साथ यदि कोई विशेषण या कोई नाम जुड़ा है तो इसका मतलब वह संपूर्ण योग नहीं है, वह योग में से निकली एक छोटी सी धारा है, योग एक समुद्र है और योग से निकली छोटी-छोटी धाराएं नदियों की तरह है| योग के समुद्र में जिसने गोता लगा लिया, उसके जीवन में संपूर्ण रूपांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है| इसके लाभ की चर्चा इतनी आसान नहीं है| क्योंकि यह पल पल रूपांतरित होने वाली प्रक्रिया का नाम है| जो व्यक्ति योगस्थ हो जाता है| वह आत्म प्रकाश को देखने लगता है| हमारी आंखें जिस प्रकाश को देखती है वह वाह्य प्रकाश है| वाह्य प्रकाश का कोई ना कोई स्रोत होता है चाहे वह बिजली हो या सूर्य हो| लेकिन आंतरिक प्रकाश का कोई स्रोत नहीं होता| आंतरिक प्रकाश अपने आप में स्रोत है| वही आपकी आत्मा है| इनलाइटनमेंट क्या होता है? एलाइनमेंट यानी इनर लाइट का अनुभव हो जाना| आत्म प्रकाश को जानना और इस आत्म प्रकाश की रोशनी में उस परमात्मा की झलक देखने लगना| इसी को आत्मा से परमात्मा का योग कहा गया है| और योग करने वाले व्यक्ति को यही अनुभव होता है|
योग का लक्ष्य कुण्डलिनी जागरण और कुण्डलिनी जागरण का अर्थ सुप्त चेतना का जागरण, चेतना के जागरण का लक्ष्य शिवत्व की प्राप्ती|
अतुल विनोद *