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मनुष्य की चार गति...

दुनिया में चार प्रकार के मनुष्य पाए जाते हैं|  एक अंधकार से अंधकार में जाने वाला| एक अंधकार से प्रकाश में जाने वाला| एक प्रकाश से अंधकार में जाने वाला| और एक प्रकाश से प्रकाश में जाने वाला|
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१-
एक व्यक्ति अंधकार में डूबा हुआ है यदि  वह ताउम्र अंधकार में ही खोया रहे तो इसे अंधकार से अंधकार में जाना कहेंगे|  कितने ही लोग हैं जो अंधकार में पैदा होते हैं| भौतिक दृष्टि से देखें तो जो दरिद्रता है वह अंधकार है| आध्यात्मिक दृष्टि से देखें जो जो अज्ञान है वह अंधकार है|  जन्मजात ज्ञानी अपवाद ही होते हैं| लेकिन व्यक्ति जीवन भर अज्ञानी ही बना रहे तो यह विडंबना ही होगी| ऐसा व्यक्ति जो अज्ञान से ज्ञान की यात्रा न कर सके| जहां था वहीं पर आ रहे तो उसे तिमिर से तिमिर की ओर जाने वाला कहेंगे|

भौतिक जगत में  दरिद्रता में पैदा होकर दरिद्रता में ही मर जाना तिमिर से तिमिर तक की  यात्रा है| 
२-
जीवन तभी सार्थक होता है जब व्यक्ति अज्ञान से ज्ञान की यात्रा करे| संसार में आने का अर्थ है अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना| अज्ञान अंधकार है और ज्ञान प्रकाश| बच्चा मां के गर्भ में प्रकाश से वंचित होता है| जन्म के साथ प्रकाश से भरे हुए  संसार में प्रवेश करता है| यह भौतिक प्रकाश है, जो उसे जन्म के साथ मिल जाता है| भौतिक प्रकाश इस दुनिया में मौजूद हर प्राणी को बिना किसी प्रयास के मिलता है| आध्यात्मिक प्रकाश के लिए व्यक्ति को पुरुषार्थ करना पड़ता है| यदि व्यक्ति ने पूर्व जन्म में, इस दिशा में कोई प्रयास किया है तो ज्ञान रूपी प्रकाश तक पहुंचने में इस जन्म में उसे बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी|  हर मनुष्य का कर्तव्य है अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश तक की यात्रा करना| आत्मा की ज्योत जलाना| 

भौतिक जगत में दरिद्रता से संपन्नता तक की यात्रा अंधकार से प्रकाश की यात्रा है| 
३-  
तीसरा व्यक्ति होता है प्रकाश से अंधकार में जाने वाला,  व्यक्ति को कई बार प्रारब्ध के चलते भौतिक जगत में अच्छी स्थिति और आध्यात्मिक जगत में स्वाभाविक ज्ञान मिल जाता है| ऐसा व्यक्ति यदि मिले हुए खजाने को गवा दे तो उसे क्या कहेंगे?  इसी को प्रकाश से अंधकार में जाने वाला कहते हैं|

भौतिक जगत में संपन्न घर में पैदा होकर दरिद्र बन जाना प्रकाश से अंधकार की यात्रा है|
४-  
चौथा व्यक्ति होता है प्रकाश से प्रकाश में जाने वाला|  एक व्यक्ति जिसने अंधकार से प्रकाश तक की यात्रा पूरी कर ली है|  अज्ञान से ज्ञान तक पहुंच गया है| वो अपने अंतरतम में प्रकाश की ज्योति को ना सिर्फ जलाये रखता है बल्कि अपने दीप से दूसरे दीपों को भी प्रज्वलित करता है|  ताशा व्यक्ति ज्योति से ज्योति में जाने वाला कहलाता है|

भौतिक जगत में जो संपन्नता में पैदा होता है, उच्च कुल में जन्म लेता है, और प्रारब्ध से मिले उस स्टेटस को ताउम्र बनाए रखता है| दूसरों को भी उस स्तर तक पहुंचने में मदद करता है| ऐसा व्यक्ति प्रकाश से प्रकाश की यात्रा करता है|
अतुल विनोद